Facts About Shodashi Revealed
Wiki Article
क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं
Unauthorized use or duplication of the content without having Specific and written permission from This great site’s proprietor is strictly prohibited.
वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।
She would be the possessor of all fantastic and wonderful items, such as physical things, for she teaches us to have with out staying possessed. It is said that dazzling jewels lie at her feet which fell with the crowns of Brahma and Vishnu if they bow in more info reverence to her.
Her legacy, encapsulated in the colourful traditions and sacred texts, continues to information and encourage These on the path of devotion and self-realization.
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥
श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।